आज आईने में सामने बिठा के बोल दिया ज़िन्दगी से ..
कद्र कर मेरी! ना मैं होती तो तू भी नहीं होती
दिन बा दिन, दिनों की आवारगी बढ़ती जाती है ..
हम बिखर जाते जो रातों को रात नहीं होती
सस्ते दामों पर मैंने खरीद लिए कुछ कदमो के निशाँ ..
सस्ते दामों पर मैंने खरीद लिए कुछ कदमो के निशाँ ..
सफ़र में बिछा लूं इन्हें ज़रा, आज तन्हा तन्हा बात नहीं होती
मंजिलों की भी उड़ान है, अभी और ख्वैशें हैं ..
मंजिलों की भी उड़ान है, अभी और ख्वैशें हैं ..
यहाँ पहुँचने पर भी मंजिल मेरे साथ नहीं होती
हम भी जुट जाते हर जीत हासिल करने यारों ..
हम भी जुट जाते हर जीत हासिल करने यारों ..
काश सामने हमारे ना-कामियों की कायनात नहीं होती
शायद मेरे दुश्मनों से जा के मिल आई है ये ..
मेरी हो के रहती तो ज़िन्दगी बर्बाद नहीं होती
कुछ सवालों का धुंआ आँखों में बस चला है ..
जवाब होते हैं, पर आखों से अब बरसात नहीं होती
लम्हे सिकुड़ के मर जातें है मेरे ठन्डे एहसासों पे ..
मेरी कलम में यूँ ही शब्दों की खैरात नहीं होती
Awsm------>
ReplyDeleteस दाम पर खरीद िलए कछ कदमो नशा .. सफ़र बछा ल इ ज़रा, आज तहा तहा बात नह होती
Dil Majboor Hai Baar Baar Padhne Ko SKB Ka Har Lafs Safaa :)
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