मेरे अधरों पे गंगाजल नहीं
चेनाब का पानी रखना ..
अगले जन्म मैं कश्मीरी बनूँगी
मेरा नाम तुम हिन्दुस्तानी रखना ..
खुशबू जब हिस्सों में बंटेगी
मेरे हिस्से में तुम जाफ़रानी रखना ..
जब पहाड़ों पर सफ़ेद शीन उतरेगी
मस्जिद में गुरुओं की बानी रखना ..
ठन्डे पत्थरों को न ज़मीन से उखाड़ा जाए..
अपने खून में तुम इंक़लाब ऐ रवानी रखना ..
और जब मेरी आँखें जीर्ण हो जाएँ
मेरे जिस्म पर मेरे वतन की कहानी रखना ..