मैं फटा हुआ टायर हूँ..
ऊपर से फूला हुआ.. अंदर से कायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
काले को काला लिख कर .. कहता ख़ुद को शायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
तेल में तैरते भटूरे की तरह.. फूँडने में मैं भी माहिर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
गीता पर रख कर हाथ .. सच कहता हूँ मैं लायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
थोड़ा अपर क्लास हूँ थोड़ा मिडल .. शो ऑफ़ में नोटब्ली हाइअर हूँ..
रद्दी में रखे अख़बार की फ़्रंट न्यूज़ में..
रद्दी में रखे अख़बार की फ़्रंट न्यूज़ में..
मैं शहर में लगी फ़ायर हूँ.. मैं फटा हुआ टायर हूँ..
समाज का घृणित चेहरा हूँ मैं हाई-सोसाइटी के पसंदीदा टायर हूँ
ReplyDeleteBahaut hi...kyaa kahun...samajh nahin aa raha magar..
ReplyDeleteHasya vyang k sath kahi gayi gambhir baat ! Uttam :)