मैंने बादल भेजती हूँ तुम बारिश में भीग लेना /
मैं काजल भेजती हूँ तुम आँखों में खींच लेना
मेरा दर्द बेपर्दा नज़र आये तो आँखें मीच लेना /
एक एहसास के समंदर को आसुओं से सींच लेना
कुछ सपनो की सौगातें है, मुठी में भींच लेना /
मैं मरना भेजती हूँ तुम जीना सीख लेना
मेरे हिस्से का कभी सवाल आये तो झूठी सी तकदीर कहना /
भूल जाना मेरा नाम बस 'ख़्वाबों की हीर' कहना
1 comment:
bahut sundar kavy srijan ,,,,, shukriya ji
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