November 8, 2017
स्वपन झरोखे
एक रात ..
आसमान के कोनों में
ऊँघती रहती है..
एक नदी ..
गिर कर भी समंदर में..
रास्ते बूझती रहती है..
गूँजती रहती है..
पतझड़ के पन्नों पर
माज़ी का अलाव..
कुछ बारिशें टहनियों पर
टूँगती रहती हैं..
आँगन की चमेली
अपनी सुगंध में..
स्वपन झरोखे
गूँधती रहती है ..
रेत की हथेलियों में
लहरों के पलछिन..
सीपियों शंखों में एक कहानी ..
खुद को
ढूंढती रहती है..
- अनुराधा शर्मा
May 7, 2017
Main Fattaa Hua Tyre Hun
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
ऊपर से फूला हुआ.. अंदर से कायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
काले को काला लिख कर .. कहता ख़ुद को शायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
तेल में तैरते भटूरे की तरह.. फूँडने में मैं भी माहिर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
गीता पर रख कर हाथ .. सच कहता हूँ मैं लायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
मैं फटा हुआ टायर हूँ..
थोड़ा अपर क्लास हूँ थोड़ा मिडल .. शो ऑफ़ में नोटब्ली हाइअर हूँ..
रद्दी में रखे अख़बार की फ़्रंट न्यूज़ में..
रद्दी में रखे अख़बार की फ़्रंट न्यूज़ में..
मैं शहर में लगी फ़ायर हूँ.. मैं फटा हुआ टायर हूँ..
January 8, 2017
सीमित - असीमित
मेरे जलते शब्दों के ढेर में ..
कुछ यादों के गीले काग़ज़ भी हैं..
और उनसे उफनते बादल भी ..
जो बदन पर चिपक गए हैं..
बर्फ़ पर जिस्म सेंकते पुरानी बातों के गुच्छे ..
जिन्हें आवाज़ ने कभी चाँद पर भेज दिया था ..
पिघल करनदियों में बहने को ..
पिघल करनदियों में बहने को ..
मैं मृगतरिश्ना में भटक कर ज़मीन में धँस गयी हूँ..
और यहाँ सैंकड़ों आसमान जमा हैं..
यहाँ ज़मीन के अंदर..
और यहाँ सैंकड़ों आसमान जमा हैं..
यहाँ ज़मीन के अंदर..
साँस लेते हुए सितारे ..
बौराए हुए कई चाँद..
और तुम्हारे यूँही कहे हुए शब्द..
मर कर भी अमर हैं..
यहाँ ज़मीन में गढ़े हैं ..
बौराए हुए कई चाँद..
और तुम्हारे यूँही कहे हुए शब्द..
मर कर भी अमर हैं..
यहाँ ज़मीन में गढ़े हैं ..
हमारे स्नेह बंधन का वो धूमकेतु ..
तब तक ब्रह्मांड के चक्कर काटता रहेगा ..
जब तक इस सीमित से शरीर में ..
प्राण और आत्मा जीवित हैं ..
तब तक ब्रह्मांड के चक्कर काटता रहेगा ..
जब तक इस सीमित से शरीर में ..
प्राण और आत्मा जीवित हैं ..
पर हम तुम युगों से भी आगे बढ़ते रहेंगे ..
बेड़ियों में जकड़े हुए ..
अपनी अपनी कहानियों में क़ैद रह कर भी ..
हम तुम असीमित रहेंगे ..
बेड़ियों में जकड़े हुए ..
अपनी अपनी कहानियों में क़ैद रह कर भी ..
हम तुम असीमित रहेंगे ..
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